Indian Philosphy: एक नयी संस्कृति की नींव डालें: भारतवर्ष अतीत में वैभवशाली रहा है, लेकिन एक मनुष्य अपनी आवश्यकता से अधिक धन का संग्रह न करे, प्रभुता स्थापित करने की मनोवृत्ति से ग्रस्त न ...
हमारा पड़ोस : एक विफल देश की राजनीतिक बिसात: बीते दशक में जनयुद्ध की समाप्ति के बाद पिछले कई वर्षो से नेपाल में कोई स्थिर सरकार नहीं बन पायी है और संविधान सभा के गठन का मामला लगातार लट...
राजेश अस्थाना ब्लॉग : बेचैन समाज: आज 21वीं सदी के द्वितीय दशक में समस्त राष्ट्रों की विकसित पूंजी, विज्ञान और तकनीकी समेत एकाधिकार बहुराष्ट्रीय कॉरपोरेट कंपनियों के एकमात्र...
राष्ट्रीय जागरण : कानपुर: जनता ने पार्षद को धकेला कूड़े में: कानपुर के पटेल नगर इलाक़े के लोगों ने ऊंचे होते जा रहे कूड़े के ढेर और उमड़ती हुई नालियों से परेशान होकर वहां के पार्षद को कूड़े के ढेर पर धकेल...
समांतर: आमिर और अमर्त्य को जोड़ता 'सरोकार': बॉलीवुड अभिनेता आमिर ख़ान और नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन में एक बात समान है और वो यह है कि दोनों मृत्युदंड के ख़िलाफ़ हैं...
राजेश अस्थाना ब्लॉग : वीआइपी दर्जे की चाहत: राजनेताओं की विशिष्ट पहचान को झलकाने वाली संस्कृति का बढ़ावा समय-समय पर गंभीर बहस का मसला बनता रहा है।माना कि माननीयों को उनके कार्य दायित्...